क्या मोदी सरकार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं के लिए किसी विशेष योजना की घोषणा करेगी?

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बीजेपी महिला विधायक ने बताई एमपी में जीत की वजह!

,नई दिल्ली: जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मध्य प्रदेश में सत्ता में लौटी तो उसने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सीट छीन ली. कहा जा रहा है कि महिला केंद्रित योजनाओं के दम पर बीजेपी दोनों राज्यों में चौंकाने वाले नतीजे लेकर आई है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की ‘लाडली ब्राह्मण योजना’ को बीजेपी को महिला मतदाताओं का जबरदस्त समर्थन मिला. वहीं, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने लगभग आखिरी वक्त पर अपने घोषणा पत्र में ‘महतारी वंदन योजना’ का ऐलान कर चुनावी समीकरण बदल दिया. लंबे समय से भूपेश बघेल सरकार की सत्ता में वापसी को लेकर किए जा रहे दावे कमजोर पड़ने लगे और जब 3 दिसंबर को चुनाव नतीजे आए तो पूरा देश हैरान रह गया. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने आसान जीत दर्ज की. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी या यूं कहें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं को लेकर ऐसे ही बड़े कार्ड खेलेंगे? वैसे भी मोदी सरकार में कई महिला हितैषी योजनाएं चल रही हैं. लेकिन एमपी-छत्तीसगढ़ में महिलाओं के लिए विभिन्न लाभकारी योजनाओं को लेकर अपने मकसद में मिली बड़ी सफलता के बाद बीजेपी इस फॉर्मूले को राष्ट्रीय चुनाव में भी आजमा सकती है.

मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना का चमत्कार

सबसे पहले बात करते हैं ‘लाडली ब्राह्मण योजना’ और ‘महतारी वंदन योजना’ की जो अब चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए ‘आजमाया हुआ हथियार’ साबित हो रही हैं. मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लाडली बहन योजना के तहत कुछ शर्तें पूरी करने वाली 23 से 60 साल की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये देने की शुरुआत की और फिलहाल 1,250 रुपये दे रही है. चुनाव के बाद सरकार लौटने पर यह राशि बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने का वादा किया गया था. दावा किया जा रहा है कि यह घोषणा शिवराज सरकार के लिए चमत्कारी साबित हुई और उन्होंने सारे अनुमान ध्वस्त करते हुए चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की.

छत्तीसगढ़ में आखिरी वक्त पर बीजेपी ने फेंका पासा और…

दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ में महतारी यानी मां के इर्द-गिर्द सियासत गरमाने में जुटी भूपेश बघेल सरकार का पलड़ा चुनाव में भारी नजर आ रहा है. तब बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ‘महतारी वंदन योजना’ को शामिल किया था. इसके तहत हर विवाहित महिला को प्रति माह 1,000 रुपये देने का वादा किया गया है.
इस पर बीजेपी ने काफी तत्परता दिखाई और 10 दिन में 53 लाख फॉर्म भरवा दिए. बीजेपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है.

बीजेपी के इस कदम से कांग्रेस चिंतित!

इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘महतारी वंदन योजना’ के फॉर्म भरने शुरू किए और 15 नवंबर तक 53 लाख फॉर्म भरे गए. इतना ही नहीं, उन भावी लाभार्थियों के फोन नंबर लें और उन्हें योजना का लाभ बताएं। बीजेपी के इस कदम के असर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले चरण के चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी को ‘छत्तीसगढ़ गृह लक्ष्मी योजना’ को अपने घोषणापत्र में शामिल करना पड़ा. भाजपा पर बढ़त हासिल करने के लिए उसने मासिक राशि 1,250 रुपये करने की घोषणा की, जबकि भाजपा की यह राशि 1,000 रुपये थी। इस तरह दोनों पार्टियों की ओर से वादे किए गए, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस की बजाय बीजेपी पर दांव लगाया और पार्टी जीत गई.

एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की महिला केंद्रित योजनाएं

…और महिलाएं रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने लगीं

दरअसल, मोदी सरकार महिला केंद्रित योजनाओं के दम पर महिला वोटरों को लुभाने में कामयाब रही. देश के चुनावी इतिहास में पहली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐसा हुआ जब महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत लगभग पुरुषों के बराबर हो गया. तब 66.68% महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जबकि केवल 0.11% अधिक, कुल 66.79% पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया था। यह महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं का ही असर था कि न केवल रिकॉर्ड संख्या में महिलाएं मतदान केंद्रों तक आईं बल्कि उन्हें अपनी मर्जी से मतदान करने के लिए प्रेरित भी किया।

मोदी सरकार की महिला केंद्रित योजनाएं.

नारी शक्ति के आगे सारी उम्मीदें धराशायी!

हालांकि, हालिया विधानसभा चुनाव से पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि बीजेपी मध्य प्रदेश में करीबी मुकाबले में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवा सकती है. लेकिन वहां बीजेपी को शिवराज सिंह चौहान की सरकार बचाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. इसी तरह छत्तीसगढ़ में उम्मीदों के उलट बीजेपी ने भूपेश बघेल सरकार को उखाड़ फेंका. वहां भी बीजेपी को कांग्रेस पर आसान जीत मिली. 3 दिसंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद विशेषज्ञों की राय भी सामने आ रही है. इनमें आम राय यह है कि आखिरी वक्त में बीजेपी ने दोनों राज्यों में महिला वोटरों के बीच अपने समर्थकों की संख्या बढ़ा ली. यही वजह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी सरकार द्वारा ऐसा कोई बड़ा खेल खेले जाने की संभावना जताई जा रही है.