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इसलिए ये उपलब्धि अहम है
जब 2019 में हर घर नल योजना शुरू की गई थी, तब यूपी में केवल 1.96 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन थे। 2019 में राष्ट्रीय औसत 16.81 प्रतिशत था। इस दौरान दो साल तक कोरोना महामारी के बावजूद सिर्फ चार साल में यूपी का औसत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हो गया है.
यूपी में हर घर नल योजना
बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र के 90 प्रतिशत अधिक घरों तक नल से जल पहुंचता है
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 40 हजार से अधिक नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं। बुन्देलखण्ड के अधिकांश जिलों में 90 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की जा चुकी है। महोबा में 97.57%, ललितपुर में 97.33%, झाँसी में 96.40% और बांदा में 95.39% ग्रामीण परिवारों को हर घर जल की सौगात मिल चुकी है। वहीं विंध्य क्षेत्र में भी तेजी से नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं। जनपद मीरजापुर में 96.27 प्रतिशत नल कनेक्शन दिये जा चुके हैं। पश्चिमी क्षेत्र की बात करें तो पूर्व में बागपत जिले में 93.77%, शामली में 92.94%, मेरठ में 91.32% और वाराणसी में 90% से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देकर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।
अब आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद पर फोकस करें
बुंदेलखंड और विंध्य के जिलों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने के बाद अब सरकार का फोकस आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद पर है. योजना के चौथे चरण के तहत इन जिलों में गंगा और यमुना नदियों से पानी उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इन जिलों में जलापूर्ति का काम दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाना है.
ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश में ग्रामीण परिवारों के हर घर तक पानी पहुंचाने की जल जीवन मिशन योजना का काम युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है। योजना के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर भी दिये जा रहे हैं। अब तक सात लाख से अधिक युवाओं को प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, मोटर मैकेनिक, फिटर, राजमिस्त्री और पंप ऑपरेटर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। 4,80,000 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जल परीक्षण में प्रशिक्षित किया गया है।