Now we’ve got water – ‘पांच साल बीत गए, अब पानी मिलेगा मुखिया जी’, हर घर नल का जल योजना फ्लॉप; एक-एक बूंद को तरस रहे लोग; ग्रामीणों ने पंचायत अदालत में अपील की

0
37
Now we’ve got water – ‘पांच साल बीत गए, अब पानी मिलेगा मुखिया जी’, हर घर नल का जल योजना फ्लॉप;  एक-एक बूंद को तरस रहे लोग;  ग्रामीणों ने पंचायत अदालत में अपील की

उदवंतनगर। Now we’ve got water – मुखिया जी, पांच साल से अधिक समय बीत गया, पंचायत के लोगों को उम्मीद थी कि नल जल योजना का शुद्ध पानी उनके घरों तक पहुंचेगा.

दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम पंचायत दरबार के तहत मंगलवार को उदवंतनगर प्रखंड के एड़ौरा ग्राम पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में उक्त बातें सामने आयीं. किसी ने नल जल की शिकायत की तो किसी ने सड़क की मांग की. सभी की शिकायत थी कि रेलवे द्वारा बनाये गये अंडरपास में हमेशा पानी भरा रहता है.

पंचायत दरबार में मुखिया ललिता देवी बारी-बारी से पंचायतवासियों की समस्याएं सुन रही थीं. पंचायत दरबार में जरूरी समस्याओं का निपटारा किया जा रहा था. साथ ही अन्य समस्याओं के समाधान का भी आश्वासन दिया जा रहा है.

उपस्थित लोग वंशावली, गली-नली, नल-जल, जलजमाव, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा कार्ड आदि बनाने में हो रही परेशानी की शिकायत करते नजर आये. जमीन के पुनर्ग्रहण और जमाबंदी के सुधार से संबंधित कई मामले आये.

अतिक्रमण मामले को लेकर अंचलाधिकारी से मिलने का आश्वासन दिया गया. मुखिया जी ने कहा कि सरकारी कर्मचारी ड्यूटी करने आते हैं जिससे कार्य निष्पादन में कोई परेशानी नहीं होती है.

Now we’ve got water – पांच साल में नल से नहीं टपका पानी

एड़ौरा पंचायत में कुल 13 वार्ड हैं लेकिन आज तक किसी भी वार्ड में नल से पानी नहीं आया है. पांच-छह साल बाद भी मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर नहीं उतर सकी।

लगातार मिल रही शिकायतों से परेशान सरकार ने नल जल संचालन की जिम्मेदारी पीएचईडी को सौंप दी. लेकिन व्यवस्था सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गयी. शुद्ध पानी पीने का सपना टूट गया। लोगों को यह योजना निरर्थक लगने लगी है.

सिंचाई व्यवस्था धाराशाई

एड़ौरा पंचायत में कुल 12 सरकारी ट्यूबवेल लगे हैं। नहरों और नौलों का भी जाल है। लेकिन किसान पटवन को लेकर चिंतित रहते हैं. बिजली व तकनीकी कारणों से सरकारी ट्यूबवेल वर्षों से बंद है.

असनी रजवाहा में कुल 9 सरकारी ट्यूबवेल (हरियाणा बोरिंग) स्थापित हैं। इसके अलावा श्रीरामपुर, एड़ौरा और खीरीटांड़ में भी सरकारी ट्यूबवेल हैं. अधिकांश आहर व पईन अतिक्रमण की चपेट में हैं.

अंडरपास में जलजमाव जानलेवा साबित हो रहा है

आरा सासाराम रेलखंड पर एडौरा पंचायत में दो अंडरपास बनाये गये हैं, जिससे लोग आवागमन कर सकते हैं. वहीं पंचायत के खीरीटांड़, बीरमपुर, इंद्रपुरा आदि गांवों के लोगों का आवागमन कसाप गांव के पास बने रेलवे अंडरपास से होता है. इन अंडरपासों में हमेशा पानी भरा रहता है, जिससे आवागमन में भारी दिक्कत होती है।

Now we’ve got water – ग्रामीणों ने कहा

इंद्रपुरा के उमा शंकर राय ने कहा कि पटवन के समय नहर में पानी नहीं रहता है. नहर में लगे नौ बोरिंग को आज तक किसी ने पानी देते नहीं देखा है. मुखिया जी कृपया इस पर ध्यान दें.

इंद्रपुरा के सीताराम चौधरी ने कहा कि मात्र 200 मीटर निजी जमीन होने के कारण हमलोग सड़क से वंचित हैं. सड़क निर्माण की मांग को लेकर मुखिया से मिलने आये थे.

श्रीकृष्ण राम ने कहा कि नल में भारी गड़बड़ी की गयी है. एक भी बोरिंग चालू नहीं की गयी, अन्यथा लोग पानी के लिए नहीं तरसते.

शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि रेलवे अंडरपास में पानी भरा हुआ है, जिससे गिरने का डर रहता है. अगर बाइक पानी में फंस जाए तो बड़ी परेशानी होती है.

मुखिया ने कहा

एड़ौरा पंचायत की मुखिया ललिता देवी ने कहा कि पूर्व में नल जल योजना की राशि का गलत तरीके से वितरण किया गया, जिससे योजना विफल हो गयी. पंचायत में 13 वार्ड हैं. बीडीओ व बीपीआरओ से लगातार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सरकार ने पिछले आठ माह से योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी पीएचईडी को दी है. वर्षों से बिजली व तकनीकी कारणों से एक दर्जन सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़े हैं. हालांकि, पीसीसी, फेवर ब्लॉक, मिट्टी भराई, ईंट सोलिंग व नाली निर्माण का कार्य चल रहा है.

यह भी पढ़ें – PM Kisan Samman Nidhi Yojana | पीएम किसान सम्मान निधि योजना सम्पूर्ण जानकारी